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निवेश हेतु धन: Capital

राकेश त्रिपाठी 'बस्तीवी'
राकेश त्रिपाठी 'बस्तीवी'
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निवेश का अर्थ: What is Investment?

निवेश: Investment

निवेश के मूल तत्व: Fundamentals of Investments

निवेश हेतु धन:

निवेश का दूसरा मूल स्तम्भ है धन. ‘धन बिनु होए न प्रीति’. हर एक को आपकी जेब से पैसा निकालना है, इतना आप जान लीजिये. किन्तु ‘दान पात्र’ की तरह ही ‘निवेश पात्र’ भी होता है. आपको कौन सा पैसा, कितना पैसा और किसको देना चाहिए की समुचित जानकारी बहुत जरूरी है.

कौन सा पैसा: वो पैसा जिसकी आपको निकट भविष्य में जरूरत नहीं है, ही नेवेश में लगाया जा सकता है. ,निकट भविष्य’ कि परिभाषा हम बाद में देंगे. अगर बचा हुआ धन आपकी तिजोरी में बंद रहेगा तो वो ‘मूल्य’ ह्रास करेगा. अगर ‘सावधि जमा’ (FD) में रहेगा तो 7% से बढेगा. और अगर महगाई दर 5% है तो कुल मात्र 2% से बढेगा. पिछले 20 साल में शेयर मार्केट सूचकांक ने 15% से जादा कि चक्र वृद्धि (CAGR) दी. किन्तु ये समझना कि 15% प्रति वर्ष हर साल मिलेगा एक भूल है. लम्बी अवधि में कागर 15% होगा पर प्रति वर्ष कभी -15% तो कभी 30% तक. अतः आप अपना सब धन निवेश में नहीं लगा सकते, क्योंकि अगर आपको साल दो साल बाद पैसे की जरूरत पड़ी तो ये बिलकुल जरूरी नहीं है की आपको अपना मूल धन भी वापस मिल सके.

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निवेश की अवधि (Horizon)
निवेश का उद्देश्य
सुनियोजित निवेश (SIP)
लालच और परिणाम

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